शुक्रवार, 3 मई 2019

रामायम सच्चाई या मनगढंत कहानी || Maa Puna Public School

हमारी पूरी कोशिश है कि हम बच्चों को वास्तविकता से दूर नहीं होने देंगे।

तुलसी दास की गलतियों की वजह से नल सेतु (रामसेतु) टूटने वाला था लेकिन वाल्मिकि रामायण के साक्ष्यों ने टूटने से उसे बचा लिया। रामायण एक सत्य घटना पर आधारित भारतीयों का एक गौरवशाली अतीत रहा है लेकिन तुलसी दास जी ने जो कि अकबर के दरबारी कवि थे और अकबर के इशारों पर निर्मित तुलसी दास की ये रामायण न केवल हिंदु मान्यताओं को गलत वर्णित करता है बल्कि भावनाओं को आहत भी करता है। ऐसा मिलावट किया है इस ग्रंथ में कि कोई इंसान तो क्या किसी गधे को भी विश्वास नहीं होगा। मिलावट बहुत ही ज्यादा मात्रा में की गई है जिसे मैं आपके समक्ष प्रस्तुत करना चाहता हूँ इसलिए तमाम सारी मिलावटों में मैने ऐसे टॉपिक को चुना है जिससे आप और कोई भी आसानी से समझ सके कि तुलसी दास कितना बड़ा मिलावटी राम था। कई मामले में लोगों का मानना है कि मेरी विचारधारा गलत है इसलिए मैंने आपके समक्ष आज तक न्यूज के रिपोर्ट को प्रस्तुत किया है।

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